विश्व यकृत दिवस(19 अप्रैल)
यकृत (लीवर) से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 19 अप्रैल को सम्पूर्ण विश्व में विश्व यकृत (लीवर) दिवस मनाया जाता है।

- संक्रमणों और बीमारियों से लड़ना।
- रक्त शर्करा को नियमित करना।
- शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालना।
- कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना।
- रक्त के थक्के (अधिक मोटा/गाढ़ा करना) के निर्माण में सहायता करना।
- पित्त निकालना (तरल, पाचन तंत्र और वसा को तोड़ने में सहायता करता हैं)।

- अपने लीवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। स्वस्थ और संतुलित आहार का उपयोग करें तथा अपने लीवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
- सभी खाद्य समूहों के आहारों जैसे अनाज, प्रोटीन, दुग्ध उत्पादों, फल, सब्जियों और वसा का उपयोग करें।
- रेशायुक्त ताजे फलों, सब्जियों, मिश्रित अनाज युक्त रोटियों, चावल और अनाजों का उपयोग करें।
- लहसुन, अंगूर, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब और अखरोट खाएं।
- जैतून का तेल और सन के बीजों का उपयोग करें।
- नींबू और नीबू का रस तथा हरी चाय का उपयोग करें।
- वैकल्पिक अनाज (मोटा अनाज़, बाजरा और कूटू) को प्राथमिकता दें।
- हरी पत्तेदार सब्जियों (बंद गोभी, ब्रोकोली और गोभी) को शामिल करें।
- आहार में हल्दी का उपयोग करें।
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सभी खाद्य समूहों के आहारों जैसे अनाज, प्रोटीन, दुग्ध उत्पादों, फल, सब्जियों और वसा का उपयोग करें।रेशायुक्त ताजे फलों, सब्जियों, मिश्रित अनाज युक्त रोटियों, चावल और अनाजों का उपयोग करें।
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अल्कोहल, धूम्रपान और ड्रग्स को “न” बोलें : लीवर कोशिकाओं को अल्कोहल धूम्रपान और ड्रग्स नुकसान अथवा नष्ट कर देता हैं। यहाँ तक कि निष्क्रिय धूम्रपान के संपर्क में भी नहीं आना चाहिए।
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किसी भी दवा को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें : जब दवाओं को गलत तरीके अथवा गलत संयोजन से लिया जाता है तो लीवर आसानी से ख़राब हो सकता हैं।
- जहरीले रसायनों से सावधान रहें : लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने वाले रसायनों जैसे एयरोसोल, सफाई उत्पादों, कीटनाशकों, विषाक्त पदार्थों से बचें।
- अपने वजन को बनाए रखें : मोटापे के कारण गैर अल्कोहल वसायुक्त रोग हो सकते हैं।
- अपने लीवर की सुरक्षा के लिए हैपेटाइटिस को रोकें।हेपेटाइटिस शब्द का उपयोग लीवर की सूजन (सूजन) के लिए किया जाता हैं। यह वायरल संक्रमण अथवा अल्कोहल जैसे हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने के कारण होता है। हेपेटाइटिस लक्षण रहित और सीमित लक्षणों के साथ हो सकता हैं लेकिन इसमें प्राय: पीलिया, अत्यधिक थकान (भूख में कमी) और अस्वस्थता की अगुआई होती है। हेपेटाइटिस दो प्रकार का होता है : तीव्र (एक्यूट) और जीर्ण (क्रोनिक) :
- टीकाकरण कराएं। हेपेटाइटिस के खिलाफ़ टीकाकरण अवश्य कराएं। “हेपेटाइटिस ए” और “हेपेटाइटिस बी” के लिए टीकाकरण उपलब्ध हैं।
- आयुर्वेदिक पद्धति लीवर के लिए:आयुर्वेदिक पद्धति लीवर के लिए एक समग्र पद्धति का प्रतिपादन करती है। इस पद्धति में आहार, व्यायाम और तनाव कम करने के तरीके जैसे कि योग और प्राणायाम शामिल हैं।
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