11 जनवरी, 1972 को जब भारतीय सेना पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में जीत का जश्न और उल्लास मना रही थी, उस वक्त पड़ोस में एक नवोदित राष्ट्र का उदय हुआ। इस नवोदित राष्ट्र का नाम बांग्लादेश है। हालांकि, प्रतिवर्ष 26 मार्च को बांग्लादेश अपना स्वतन्त्रता दिवस मानता है, लेकिन 11 जनवरी, 1972 को इस देश का नामकरण हुआ। इस दिन पूर्वी पाकिस्तान नया राष्ट्र बांग्लादेश बन गया। इसलिए 11 जनवरी का दिन बांग्लादेश के लिए काफी अहम है। आइए जानते हैं बांग्लादेश की राजीनतिक, भौगोलिक और इसके सामाजिक इतिहास के बारे में। आखिर बंगाल, पूर्वी बंगाल, पूर्वी पाकिस्तान से कैसे बन गया बांग्लादेश।
क्या है
- भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद इसे पूर्वी बंगाल नाम दिया गया। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान और आजादी के बाद यह बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।
- यहां के प्रारंभिक सभ्यता में बौद्ध और हिंदू धर्म का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। यहां के स्थापत्य और कला में ऐसे तमाम अवशेष है जिसे मंदिर या मठ कहा जा सकता है।
- बंगाल के इस्लामीकरण का दौर 13वीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य के व्यापारियों के साथ शुरू हुआ। इसके बाद यहां इस्लाम का वर्चस्व रहा। युरोप के व्यापारियों का यहां आगमन करीब 15वीं शताब्दी में हुआ।
- 18वीं शताब्दी के शुरुआत में यह क्षेत्र पूरी तरह से ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों में आ गया। स्वाधीनता के बाद भारत को हिंदू बहुल भारत और पाकिस्तान को मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में विभाजित करना पड़ा।
- दरअसल, पाकिस्तान के गठन के समय पश्चिमी क्षेत्र में सिंधी, पठान, बलोच और मुजाहिरों की बड़ी संख्या थी, जबकि पूर्व हिस्से में बंगाली बोलने वालों का बहुमत था।
- 1970 में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में पूर्वी क्षेत्र में शेख की पार्टी आवामी लीग ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया। शेख की पार्टी का पाकिस्तानी संसद में बहुमत हासिल किया। वह पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के दावेदार थे।
- भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद बंगाल के दो हिस्से हो गए। हिंदू बहुल इलाके को पश्चिम बंगाल और मुस्लिम बहुल इलाके को पूर्वी बंगाल नाम दिया गया।
- 1950 में यहां जमींदारी प्रथा के खिलाफ और 1952 में बांग्ला भाषा के आंदोलन ने पाकिस्तान सरकार को झकझोर कर रख दिया। 1955 में पाकिस्तानी हुकूमत ने पूर्वी बंगाल का नाम बदलकर पूर्वी पाकिस्तान कर दिया। पाकिस्तान हुकूमत का यह कदम पूर्वी बंगाल के लोगों को आहत करने वाला था।
तिथियों में बांग्लादेश
- 1947 : भारत के विभाजन के बाद बंगाल से कटकर पूर्वी बंगाल अस्तित्व में आया। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान अस्तित्व में आया।
- 1949 : अावामी लीग की स्थापना हुई। इसका मकसद पूर्वी पाकिस्तान को आजादी दिलाना था।
- 1966 : आवामी लीग ने छह बिंदुओं को लेकर आंदोलन की घोषणा।
- 1970 : शेख मुजीब के नेतृत्व में आवामी लीग ने चुनाव में भारी जीत हासिल हुई। पाकिस्तानी हुकूमत ने परिणाम मानने से इंकार किया। शेख को जेल भेजा गया। सरकार के इस फैसले के बाद पूर्वी पाकिस्तान में बगावत।
- 1971 : शेख मुजीब की आवामी लीग ने 26 मार्च को स्वतंत्रता का ऐलान किया। पाकिस्तान सेना की जुल्म से बचने के लिए करीब एक करोड़ लोग भारत में शरण लेने के लिए पहुंचे।
- 1972 : नए देश का नाम बांग्लादेश रखा गया। शेख़ मुजीब प्रधानमंत्री बने। उन्होनें उद्योगों के राष्ट्रीयकरण का अभियान चलाया लेकिन ज़्यादा कामयाबी नहीं मिली।
- 1974 : देश में भीषण बाढ़ से पूरी फ़सल तबाह 28,000 लोग की मौत. देश में आपात स्थिति, राजनीतिक गड़बड़ियों की शुरुआत।
- 1975 : शेख़ मुजीब बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने। अगस्त में हुए सैनिक तख्ता पलट के बाद उनकी हत्या कर दी गई, देश में सैनिक शासन लागू हो गया।
- 1977 : जनरल ज़िया -उर -रहमान राष्ट्रपति बने। इस्लाम को सांविधानिक मान्यता दी गई।
- 1979 : देश में चुनाव हुए और सैनिक शासन समाप्त हुआ। जनरल ज़िया -उर -रहमान की बांग्लादेश नेशनल पार्टी ने बहुमत हासिल किया।
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